छंद गीत #हिंदी दिवस प्रतियोगिता लेखनी -18-Sep-2022
चौपई छंद
छंद साधना
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मन में करते, प्रभु का ध्यान।
बढ़ता जाता , अपना ज्ञान।।
झूठ कपट से, रहकर दूर।
चलो बढ़ाएं,अपना नूर।।
शांति मिले अब, बस यह चाह।
छोड़ चले घर, पग नव राह।।
जा कर पर्वत, चोटी पास।
ध्यान मग्न हो, कर अरदास।।
हम चलते अब, मंजिल छंद।
मिले ज्ञान जब, कर मत बंद।।
दिव्यालय में,आते रोज।
सीख रहे नव, छंदों खोज।।
डगर कठिन है,मान न हार।
छंद साधना, पर सब वार।।
शांत हुआ अब , मन बेचैन।
बीत रहें हैं, सुन्दर रैन।
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कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी हिंदी दिवस प्रतियोगिता
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Sep-2022 06:13 PM
Wahhhh बहुत ही खूबसूरत रचना outstanding
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Pratikhya Priyadarshini
22-Sep-2022 12:23 PM
Bahut khoob 💐👍
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आँचल सोनी 'हिया'
21-Sep-2022 12:23 AM
Achha likha hai 💐
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