Kavita Jha

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छंद गीत #हिंदी दिवस प्रतियोगिता लेखनी -18-Sep-2022

चौपई छंद
छंद साधना 
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मन में करते, प्रभु का ध्यान।
बढ़ता जाता , अपना ज्ञान।।
झूठ कपट से, रहकर दूर।
चलो बढ़ाएं,अपना नूर।।

शांति मिले अब, बस यह चाह।
छोड़ चले घर, पग नव राह।।
जा कर पर्वत, चोटी पास।
ध्यान मग्न हो, कर अरदास।।

हम चलते अब, मंजिल छंद।
मिले ज्ञान जब, कर मत बंद।।
दिव्यालय में,आते रोज।
सीख रहे नव, छंदों खोज।।

डगर कठिन है,मान न हार।
छंद साधना, पर सब वार।।
शांत हुआ अब , मन बेचैन।
बीत रहें हैं, सुन्दर रैन।
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©®
कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी हिंदी दिवस प्रतियोगिता 

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6 Comments

Wahhhh बहुत ही खूबसूरत रचना outstanding

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Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 12:23 PM

Bahut khoob 💐👍

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Achha likha hai 💐

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